आतंकवाद नाम की महामारी को वैचारिक रूप से ही ख़त्म कर देने की चर्चा के बाद अब हमें मिशन २०२५ की कार्यवाही को लक्ष्य बनाकर चलना ही होगा | यदि आज से ही हम सभी मिलकर ईमानदारी से कदम मिलाकर चलें तो यह घृणित विचारधारा इस पावन वसुंधरा से कूच कर जायेगी |
आतंकवाद ने विश्व को सिवाय नफरत और बर्बादी के और कुछ भी नहीं दिया है अतः जो लोग इसके दंश से वाकिफ हैं वे सभी हमारे इस मिशन में स्वतः प्रेरणा से ही जुड़ जायेंगे | यह समस्या इतनी बड़ी है कि आम आदमी की हैसियत से हम इसके समाधान के लिए बहुत ज्यादा कुछ नहीं कर सकते हैं लेकिन हम इसका समर्थन चाहे वो दबे स्वर में ही क्यों न हो ? करने वालों से तर्क- वितर्क तो कर ही सकते हैं |
इसका समर्थन करने वाले या इस विचारधारा के प्रति अपनी सहानुभूति दर्शाने वाले लोगों के खिलाफ हम सभी को जातीय या मजहबी दीवारों को तोड़कर ऐसी आवाज़ बुलंद करनी होगी कि उनके हौसले ही टूट जायें | हमें हर प्रकार की कट्टरता से लड़ाई लड़नी पड़ेगी | आस-पास के सभी लोगों की मजहबी सीमाओं को अपने तर्कों से खोखला करने का प्रयत्न कीजिये ताकि उसकी सीमाएं अंततः सिमटकर राष्ट्रवाद के दायरे में सिमट जाएँ |
नाकारा राजनेताओं को चुनने की बजाय खुली बहस के माध्यमों से स्पष्ट विचारधाराओं को पोषित करने वाले लोगों का चुनाव कीजिये | सवाल पूछने ख़ुद जायें, पड़ोसी के जाने की राह न देखें | अपने क्षेत्र के वर्तमान जनप्रतिनिधि के पास जाकर आतंकवाद से लड़ने और बचाव के लिए स्पष्ट ब्लूप्रिंट की मांग करें |
अपने परिवार और रिश्तेदारों में प्रत्येक स्त्री-पुरूष , बुजुर्ग हो या बच्चे अपनी स्पष्ट राय उन सभी के सामने नियमित रूप से रखें और साथ ही साथ समाज के प्रत्येक वर्ग को अपने विचारों से जोड़ने का प्रयास करिए |आतंकवाद जैसी चीजों पर अपने आस-पास के हर व्यक्ति का नजरिया जानने की भरसक कोशिश करते रहें |व्यकिगत रूप से आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने का प्रशिक्षण लिया जा सकता है |
कड़े कानूनों , अवैध बांग्लादेशियों की वापसी , समान नागरिक संहिता , धारा ३७० , राष्ट्रिय एकता एवं अखंडता के मुद्दों पर और साथ ही साथ नक्सलवाद , उग्रवाद , प्रतिक्रियावाद जैसी विषमताओं पर सामाजिक जागरण की भूमिका भी निभाते रहने की पहल हम सभी को करनी ही होगी |
आतंकवाद ने विश्व को सिवाय नफरत और बर्बादी के और कुछ भी नहीं दिया है अतः जो लोग इसके दंश से वाकिफ हैं वे सभी हमारे इस मिशन में स्वतः प्रेरणा से ही जुड़ जायेंगे | यह समस्या इतनी बड़ी है कि आम आदमी की हैसियत से हम इसके समाधान के लिए बहुत ज्यादा कुछ नहीं कर सकते हैं लेकिन हम इसका समर्थन चाहे वो दबे स्वर में ही क्यों न हो ? करने वालों से तर्क- वितर्क तो कर ही सकते हैं |
इसका समर्थन करने वाले या इस विचारधारा के प्रति अपनी सहानुभूति दर्शाने वाले लोगों के खिलाफ हम सभी को जातीय या मजहबी दीवारों को तोड़कर ऐसी आवाज़ बुलंद करनी होगी कि उनके हौसले ही टूट जायें | हमें हर प्रकार की कट्टरता से लड़ाई लड़नी पड़ेगी | आस-पास के सभी लोगों की मजहबी सीमाओं को अपने तर्कों से खोखला करने का प्रयत्न कीजिये ताकि उसकी सीमाएं अंततः सिमटकर राष्ट्रवाद के दायरे में सिमट जाएँ |
नाकारा राजनेताओं को चुनने की बजाय खुली बहस के माध्यमों से स्पष्ट विचारधाराओं को पोषित करने वाले लोगों का चुनाव कीजिये | सवाल पूछने ख़ुद जायें, पड़ोसी के जाने की राह न देखें | अपने क्षेत्र के वर्तमान जनप्रतिनिधि के पास जाकर आतंकवाद से लड़ने और बचाव के लिए स्पष्ट ब्लूप्रिंट की मांग करें |
अपने परिवार और रिश्तेदारों में प्रत्येक स्त्री-पुरूष , बुजुर्ग हो या बच्चे अपनी स्पष्ट राय उन सभी के सामने नियमित रूप से रखें और साथ ही साथ समाज के प्रत्येक वर्ग को अपने विचारों से जोड़ने का प्रयास करिए |आतंकवाद जैसी चीजों पर अपने आस-पास के हर व्यक्ति का नजरिया जानने की भरसक कोशिश करते रहें |व्यकिगत रूप से आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने का प्रशिक्षण लिया जा सकता है |
कड़े कानूनों , अवैध बांग्लादेशियों की वापसी , समान नागरिक संहिता , धारा ३७० , राष्ट्रिय एकता एवं अखंडता के मुद्दों पर और साथ ही साथ नक्सलवाद , उग्रवाद , प्रतिक्रियावाद जैसी विषमताओं पर सामाजिक जागरण की भूमिका भी निभाते रहने की पहल हम सभी को करनी ही होगी |
उपरोक्त सुझाओं के आलावा भी हम और क्या - क्या कर सकते हैं कृपया अपनी टिप्पणियों के माध्यम से हमें सूचित करें | ये सारे प्रयास व्यक्तिगत रूप से यदि किए जाएँ तो आतंक नाम को आने वाले सालों में पूरी तरह से समाप्त किया जा सकता है |
" क्या आप हमारे साथ हैं , यदि हाँ तो आइये संकल्प ले | "
" सत्यमेव जयते "