Varun Kumar Jaiswal

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Wednesday 31 December, 2008

अहे ! निष्ठुर परिवर्तन तुम्हारा ही तांडव नर्तन !! कर सको तो करो मनन ||

समय की कभी रुकने वाली निर्बाध गति , हमारे सामने नववर्ष के रूप में अनेकानेक परिवर्तनों की साक्षी बनने को तैयार है | बस इतनी कामना है कि ,

जहाँ उल्लास हो ,
वहां संकल्प भी |

जहाँ कर्म हो ,
वहां मर्म भी |

जहाँ सृष्टि हो ,
वहां दृष्टि भी |

जहाँ कृत्य हो ,
वहां सत्य भी |

जहाँ गति हो ,
वहां मति भी |

जहाँ भक्ति हो ,
वहां शक्ति भी |

जहाँ सभ्यता हो ,
वहां नव्यता भी |

जहाँ विकार हो ,
वहां उपचार भी |

जहाँ विनाश हो ,
वहां सृजन भी |

आप सभी को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं |

" सत्यमेव जयते " ||

6 comments:

Arvind Mishra said...

जहां ब्लॉग और उज्जवल ब्लोग्कारिता हो ! सुखमय नववर्ष !

नीरज मुसाफ़िर said...

जहाँ मैं हूँ, वहां आप भी.
जहाँ आप हो, वहां मैं भी.

hem pandey said...

नव वर्ष आपकी कामनाओं के अनुरूप मंगलमय हो.

राज भाटिय़ा said...

नव वर्ष की आप और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं !!!नया साल आप सब के जीवन मै खुब खुशियां ले कर आये,ओर पुरे विश्चव मै शातिं ले कर आये.
धन्यवाद

Himanshu Pandey said...

जो सबसे जरूरी है वह है-
"जहाँ कृत्य हो ,
वहां सत्य भी |"

नव-वर्ष मंगलमय हो.

Gyan Dutt Pandey said...

"पेयर ऑफ अपोजिट्स" तो साथ रहते हैं। धूप छांव साथ साथ होते हैं। और भी सभी रंग हों। यह कामना है!