
किसी भी सूरत में पहला वार देश की राजधानी दिल्ली और आर्थिक रीढ़ मुंबई को झेलना होगा , तो क्या इन महानगरों में आपातकालीन उपाय मसलन १० लाख से ज्यादा बिस्तरों के अस्थाई अस्पतालों का निर्माण , कम से कम ५ लाख युद्ध स्वयंसेवकों का प्रशिक्षण एवं तैनाती , किसी भी दशा में सरकारों को अस्थाई रूप से बचाने एवं निर्णय समिति को अधिकारों का हस्तांतरण , जैविक एवं रासायनिक प्रतिरोधक उपाय , जीवन रक्षक प्रणाली , खाद्य एवं प्रतिरक्षक दवाएं एवं रसद इत्यादि की सारी तैयारी पूरी हो गई है ? क्या हम सभी ने युद्ध की सम्भावना को देखते हुए कम से कम आने वाले ६ महीनों के लिए आवश्यक नगदी , जीवन सहायक रसद , दवाएं , राशन , वैकल्पिक संचार , युद्ध के बाद की जबरदस्त मंदी , संभावित हमलों के स्थानों पर रहने वाले रिश्तेदारों एवं नागरिकों की शरण व्यवस्था , विस्थापन इत्यादि की सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं ?
मैं तो व्यक्तिगत रूप से इसके लिए तैयारी कर रहा हूँ लेकिन पूरे देश की तैयारियों के बारे में तो मुझे व्यापक संदेह है | आख़िर जिस देश के राजनेता १० हथियारबंद हमलावरों से मुंबई जैसे नगर को नहीं बचा पाये वो क्या किसी जनसंहारक युद्ध की विभीषिका को झेलने के लिए जनता को तैयार कर पायेंगे ?
यदि देश की जनता को तैयारियों पर पूरा भरोसा है तो समझिये कि हम युद्ध के लिए तैयार हैं |
और यदि नहीं तो हम सब का राम नाम सत्य ही समझिये , या फ़िर यह युद्ध राग गाना बंद करिए |
अब आप अपनी राय से बताइए कि आप व्यक्तिगत और सामाजिक रूप से इस युद्ध के लिए कितने तैयार हैं ??
" सत्यमेव जयते " ||
9 comments:
हमारी प्राथमिकता युद्ध नहीं अपितु आतंकवाद से अपनी रक्षा करना है. इसके लिए दुश्मन राष्ट्र में स्थापित आंतकवादियों के अड्डों पर आक्रमण भी करना पड़े तो करना चाहिए.वैसे कूटनीति इसमें है कि हमला संयुक्त राष्ट्र के सेना से करवाया जाए.
आपदा प्रबन्धन के क्षेत्र में बहुत कच्चापन है देश में। नाभिकीय युद्ध के बाद तो दूसरे ही चरित्र के भारतीय की कल्पना करनी होगी जो सर्वाइव करेगा।
वरुण जी, ये उतना महत्वपूर्ण नहीं है की "हम परमाणु युद्ध के लिए कितने सक्षम है", महत्वपूर्ण यह है की हमारे बर्दास्त की हद क्या है | क्या हम दुश्मन के घृणित अपराध को यू ही बर्दास्त करते रहेंगे या फिर उसका मुहतोड़ जबाब देंगे | अगर पाकिस्तान भारत के कुछ शहरों को बर्बाद करने में सक्षम है तो भारत पाकिस्तान का नामोनिशान मिटाने में सक्षम है |
आपने दिनकर की इस पंक्ति को पढ़ा होगा :
क्षमा शोभती उस भुजंग को, जिसके पास गरल हो
उसका क्या जो दन्तहीन, विषरहित, विनीत, सरल हो |
सच पूछो तो शर में ही, बसती है दीप्त विनय की,
संधि वचन सपुज्य उसी का, जिस में शक्ति विजय की |
सहनशीलता, क्षमा, दया को, तभी पूजता जग है,
बल का दर्प चमकता जिसके, पीछे से जगमग है |
युद्ध से कुछ हासिल नहीं होता. कोई कितनी भी तैयारी करे, युद्ध से नुक्सान तो होगा ही. दूसरे महायुद्ध में परमाणु शस्त्रों द्वारा हुआ विनाश सब ने देखा पर कुछ सीखा नहीं. ख़ुद अपने विनाश की तैयारी कर रखी है भारत और पाकिस्तान ने.
वरुनजी बाहरी आक्रमण से तो हम एक बार दो दो हाथ कर भी लेंगे, परन्तु इस राष्ट्र के गद्दारों से कैसे निपटेंगे| हमें ख़तरा बाहरी देश से नहीं अपितु उस मानसिकता से है, उन लोगों से है जो अफजल गुरू के साथ है
वरुण जी,युद्ध प्राथमिकता नही होनी चाहिये, लेकिन अगर मेरे घर मै मेरा पडोसी घुस कर रोजाना तोड फ़ोड करे तो उसे एक दो बार समझाया जा सकता है, लेकिन जब वो मां ओर बहन की इज्जत से खेले तो ........ तो मेरे जेसा आदमी तो बस एक ही बात सोचे गा कि.... वरना दुनिया मै जीना दुभर हो जायेगा, यह बात जो आप हम सब से पुछ रहे है यह बात तो पाकिस्तान को सोचनी चाहिये थी, जो पहले ही भीख का कटोरा लिये खडा है, भाई इज्जत से जीना ओर इज्जत से मरना चाहिये, यही बात हमारे बुजुर्गो ने भी हम सब को सिखाई है, फ़िर कठीन समय मै हमे अपने देश के जमा खोरो को भी सबक सिखाना होगा, देश के गद्दरो को भी, लेकिन पकिस्तान जरुर खत्म हो जायेगा, क्योकि जो चोरी का परमाणू बम उस ने बनाया है वो कितना काम करता है???फ़िर उस से डर केसा जब पता है कि एक दिन सब ने मरना है, तो ...
धन्यवाद
काफी संजीदगी से आप अपने ब्लॉग पर विचारों को रखते हैं.यहाँ पर आकर अच्छा लगा. कभी मेरे ब्लॉग पर भी आयें. ''युवा'' ब्लॉग युवाओं से जुड़े मुद्दों पर अभिव्यक्तियों को सार्थक रूप देने के लिए है. यह ब्लॉग सभी के लिए खुला है. यदि आप भी इस ब्लॉग पर अपनी युवा-अभिव्यक्तियों को प्रकाशित करना चाहते हैं, तो amitky86@rediffmail.com पर ई-मेल कर सकते हैं. आपकी अभिव्यक्तियाँ कविता, कहानी, लेख, लघुकथा, वैचारिकी, चित्र इत्यादि किसी भी रूप में हो सकती हैं......नव-वर्ष-२००९ की शुभकामनाओं सहित !!!!
HAM TAIYAAR HO BHEE TO KYA AANE VALA SAMAY ABHAVON MEN JEENE KE LIE TAIYAAR HO SAKEGA ?
मेरे ख्याल से भारत किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार है.
अभी - अभी--एक भविष्यवाणी पढ़ी है 'गिरीश जी के ब्लॉग पर-
की भारत-पाक युद्ध नहीं होगा.
ऐसा ही हो..जो सब के लिए अच्छा है.
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